V.S Awasthi

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प्रकृति और हम




प्रकृति और हम
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जन्म से और जन्मान्तर तक मानव का प्रकृति से नाता है
मानव की प्रकृति ही रक्षक है प्रकृति ही उसकी माता है
मानव को प्रकृति ही जीवन में सब कुछ दान किया करती
प्रकृति ही मानव के सुख दुःख हरदम साथ खड़ी रहती
प्रकृति का हाथ बंटाना है तो वृक्षों को हमें लगाना होगा
केवल हम लगा के छोड़ ना दें वृक्षों को हमें बढ़ाना होगा
वृक्षों को बढ़ाने के खातिर पोखर, तालाब बनाना होगा
पोखर, तालाबों में हमको वर्षा का जल भी पहुंचाना होगा
मानव जीवन की रक्षा के हित पर्यावरण बचाना होगा
वृक्ष धरा के आभूषण हैं धरती मां को पहनाना होगा
धरती मां हमको सब कुछ देती उसका तो कर्ज चुकाना होगा
उसके कर्ज के बदले में पर्यावरण बचाना होगा

विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर

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4 Comments

बहुत बहुत सुन्दर सृजन

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Achha likha h

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Muskan khan

14-Sep-2022 07:48 PM

👌👌

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